Raj Pari
वो है इक अनोखी, परी जो है उतरी
अपने ही हाथों से, जादू है करती
उसके ख़यालों में, इक प्यारी सी दुनिया
जहाँ चमकीले रंगों में, सौंधी सी खुशबू हो कोई
मछलियों से है वो बातें करती
मीठी झपकियों में सपनों में टहलती
और उन सपनों में मिलती फरिश्तों से कोई
प्यार की थपकियों से मुझसे बतियाती
भीड़ों में खामोशी है दिखलाती
मेरे सन्नाटों में
खुशियों की जैसे हो झड़ी
ये तो धुन है सरगम की
है ये सरगम बूंदों की
ये तो बूँदें है खुशियों की
भिगो दें अगर...
तेरी किस्मत हो बड़ी
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1 comment:
very nice :) Gives a happy feeling..
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